पटना। बिहार की राजग सरकार बहुत खुश है। उत्साहित है। वजह, प्रदेश ने विकास दर में राष्ट्रीय औसत को बहुत पीछे छोड़ देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब राजद, लोजपा व कांग्रेस नेताओं की आंखें खुल जानी चाहिये। विपक्ष, जनता को गुमराह करना बंद करे।
उन्होंने केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की हालिया रिपोर्ट का व्यापक हवाला दिया। बोले-'सूबे की विकास का दावा हम नहीं, बल्कि केंद्र सरकार का अधिकृत संस्थान कर रहा है। उसने बिहार के विकास दर को 11.03 प्रतिशत बताया है, जो अव्वल स्थान हासिल करने वाले गुजरात से थोड़ा ही कम है। राष्ट्रीय औसत मात्र 8.49 फीसदी है।' उपमुख्यमंत्री ने इसे अपनी सरकार की उपलब्धि बताया। उनके अनुसार राजद-कांग्रेस के 15 वर्ष के शासनकाल में विकास कार्यो पर मात्र 25 हजार करोड़ खर्च किये गये, वहीं हमारी सरकार के सिर्फ चार वर्ष में 35 हजार 368 करोड़ रुपये खर्च हुए। अगर वर्तमान वित्तीय वर्ष के योजना आकार को इसमें शामिल किया जाये, तो खर्च की मात्रा 51 हजार 368 करोड़ पर पहुंचती है। उन्होंने कहा कि हमने विकास कार्यो को पूरी तत्परता व तीव्रता से संचालित किया है। यही वजह है कि बिहार मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा जैसे बीमारू राज्यों की श्रेणी से बाहर निकल आंध्रप्रदेश व महाराष्ट्र जैसे राज्यों को पीछे छोड़ चुका है। राजद शासनकाल में 2003-04 में जहां विकास दर ऋणात्मक था, वहीं 2004-05 से 2008-09 के बीच विकास दर का औसत 11.03 प्रतिशत रहा। मोदी ने राजद, कांग्रेस, लोजपा के नेताओं को सलाह दी है कि अगर उन्हें दिन के उजाले में भी बिहार में विकास नहीं दिखता है तो कम से कम केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की रिपोर्ट को जरूर पढ़ लें। उनका दावा रहा-'फिर ये सभी जनता को गुमराह करना खुद छोड़ देंगे
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