LOCATION
Vaishali is situated in the eastern Indian state of Bihar, around 55 km off Patna, the capital of the state. Vaishali extends from latitude 25° in the North to longitude 85° in the East. The town, an important place for both the Buddhists and Jains, is well connected to other important cities in Bihar by road.
वैशाली का इतिहास गौरवशाली है। वैशाली महोत्सव के आयोजन में यहां की संस्कृति, परंपरा और इतिहास को ताजा कर दिया है। वैसे तो बिहार में सभी जगहों का अलग-अलग महत्व है लेकिन वैशाली की संस्कृति और इसका इतिहास दिल और दिमाग के बीच समन्वय स्थापित करता है।
उक्त बातें सूबे के राज्यपाल देवानंद कुंवर ने सोमवार को वैशाली में आयोजित 69 वें वैशाली महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि वैशाली तीर्थकर महावीर जी एवं लार्ड बुद्धा की कर्म भूमि थी। इसलिए यहां हमेशा लोगों के बीच सद्भाव कायम करता रहेगा। राज्यपाल ने कहा कि वैशाली की गौरवशाली परंपरा को और आगे बढ़ाना होगा। इसके लिए उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से संकल्पित होने की अपील की। विगत दिनों दिल्ली में आयोजित बिहार शताब्दी उत्सव के उद्घाटन समारोह की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां भिखारी ठाकुर रचित नाटक 'विदेसिया' की प्रस्तुति ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। विदेसिया की प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस नाटक की प्रस्तुति में हालीउड और बालीउड दोनों को पीछे छोड़ दिया। जिस प्रकार से विदेश में रहने वाले भारतीय लोगों की पीड़ा और उनके परिजनों की वेदना को दर्शाया गया उसे देखकर एक नई सोच पैदा हुयी। देवानंद कुंवर ने कहा कि यहां नाटक का ब्लू प्रिंट बनना चाहिए। इसके लिए ज्यादा खर्च की जरूरत नहीं है। कम खर्च में समाज का चित्रण करके आसानी से प्रदर्शित किया जा सकता है। इस मौके पर उपस्थित सांसद एवं विधायकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें गंभीरता पूर्वक सोचना होगा। विकास के क्षेत्र में हम लोग आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन यह तभी संभव है जब जनता और जनप्रतिनिधि दोनों की सोच में समानता हो।
वैशाली महोत्सव के आयोजन से गदगद होकर राज्यपाल ने इसके लिए वैशाली जिला अधिकारी प्रेम सिंह मीणा समेत तमाम पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया तथा उनका उत्साहवर्द्धन किया। वैशाली में पचास हजार से अधिक की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को देखकर राज्यपाल न सिर्फ हैरत में पड़ गये बल्कि मन से उन्होंने यहां तक कह दिया कि ये सारे लोग अपनी स्वेच्छा से आये है। ना की इन्हें किसी रैली और सम्मेलन की तर्ज पर बसों और ट्रकों में लादकर लाया गया है। इस दरम्यान उन्होंने वैशाली की गौरवशाली परंपराओं से जुड़े कई पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। समारोह की अध्यक्षता करते हुए हाजीपुर के सांसद रामसुंदर दास ने कहा कि वैशाली में असल में जागृति पैदा करनी हो तो उसके लिए हम सब को समानता का व्यवहार अपनाने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने लोगों से हिंसा का त्याग करने का आह्वान किया। ताकि एक ऐसा वातावरण का निर्माण हो जिससे लगे की वैशाली जाग गया है। सदन को संबोधित करते हुए महनार के विधायक डा. अच्युतानंद ने वैशाली में केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित कराने की दिशा में पहल करने की राज्यपाल से गुजारिश की। उन्होंने कहा कि गया या मोतिहारी दोनों में से कहीं भी केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर उन्हें आपत्ति नहीं है। मगर विश्व के पहले गणतंत्र होने के नाते वैशाली में इसकी स्थापना जरूरी है। हाजीपुर के विधायक महेन्द्र बैठा ने वैशाली में बुद्ध का अस्थीकलश अतिशीघ्र स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे पूर्व समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल देवानंद कुंवर ने पारंपरिक ढंग से अभिषेक पुष्पकरणी पर शोभा यात्रा के साथ निकले कलश को मंच पर ग्रहण किया। इस मौके पर उन्हें गार्ड आफ आनर भी दिया गया। जिलाधिकारी प्रेम सिंह मीणा ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए वैशाली की गौरवशाली अतीत और वर्तमान में उसके विकास की रूप रेखा पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर डीएम ने राज्यपाल को वैशाली का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। समारोह में जिला प्रशासन द्वारा वैशाली महोत्सव से संबंधित स्मारिका का विमोचन किया गया। इस मौके पर राघोपुर के विधायक सतीश कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष जय प्रकाश चौधरी, उपाध्यक्ष सहदेव राय, जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष संजय कुमार, तिरहुत प्रमंडल के कमिश्नर एसके नेगी, तिरहुत प्रक्षेत्र के डीआईजी, एसपी उपेन्द्र कुमार सिन्हा, एसडीओ साकेत कुमार, डीडीसी उमाशंकर प्रसाद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रकाश समेत काफी संख्या में गणमान्य एवं पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डीडीसी उमाशंकर प्रसाद ने किया।
Vaishali is situated in the eastern Indian state of Bihar, around 55 km off Patna, the capital of the state. Vaishali extends from latitude 25° in the North to longitude 85° in the East. The town, an important place for both the Buddhists and Jains, is well connected to other important cities in Bihar by road.
वैशाली का इतिहास गौरवशाली है। वैशाली महोत्सव के आयोजन में यहां की संस्कृति, परंपरा और इतिहास को ताजा कर दिया है। वैसे तो बिहार में सभी जगहों का अलग-अलग महत्व है लेकिन वैशाली की संस्कृति और इसका इतिहास दिल और दिमाग के बीच समन्वय स्थापित करता है।
उक्त बातें सूबे के राज्यपाल देवानंद कुंवर ने सोमवार को वैशाली में आयोजित 69 वें वैशाली महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि वैशाली तीर्थकर महावीर जी एवं लार्ड बुद्धा की कर्म भूमि थी। इसलिए यहां हमेशा लोगों के बीच सद्भाव कायम करता रहेगा। राज्यपाल ने कहा कि वैशाली की गौरवशाली परंपरा को और आगे बढ़ाना होगा। इसके लिए उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से संकल्पित होने की अपील की। विगत दिनों दिल्ली में आयोजित बिहार शताब्दी उत्सव के उद्घाटन समारोह की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां भिखारी ठाकुर रचित नाटक 'विदेसिया' की प्रस्तुति ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। विदेसिया की प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस नाटक की प्रस्तुति में हालीउड और बालीउड दोनों को पीछे छोड़ दिया। जिस प्रकार से विदेश में रहने वाले भारतीय लोगों की पीड़ा और उनके परिजनों की वेदना को दर्शाया गया उसे देखकर एक नई सोच पैदा हुयी। देवानंद कुंवर ने कहा कि यहां नाटक का ब्लू प्रिंट बनना चाहिए। इसके लिए ज्यादा खर्च की जरूरत नहीं है। कम खर्च में समाज का चित्रण करके आसानी से प्रदर्शित किया जा सकता है। इस मौके पर उपस्थित सांसद एवं विधायकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें गंभीरता पूर्वक सोचना होगा। विकास के क्षेत्र में हम लोग आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन यह तभी संभव है जब जनता और जनप्रतिनिधि दोनों की सोच में समानता हो।
वैशाली महोत्सव के आयोजन से गदगद होकर राज्यपाल ने इसके लिए वैशाली जिला अधिकारी प्रेम सिंह मीणा समेत तमाम पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया तथा उनका उत्साहवर्द्धन किया। वैशाली में पचास हजार से अधिक की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को देखकर राज्यपाल न सिर्फ हैरत में पड़ गये बल्कि मन से उन्होंने यहां तक कह दिया कि ये सारे लोग अपनी स्वेच्छा से आये है। ना की इन्हें किसी रैली और सम्मेलन की तर्ज पर बसों और ट्रकों में लादकर लाया गया है। इस दरम्यान उन्होंने वैशाली की गौरवशाली परंपराओं से जुड़े कई पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। समारोह की अध्यक्षता करते हुए हाजीपुर के सांसद रामसुंदर दास ने कहा कि वैशाली में असल में जागृति पैदा करनी हो तो उसके लिए हम सब को समानता का व्यवहार अपनाने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने लोगों से हिंसा का त्याग करने का आह्वान किया। ताकि एक ऐसा वातावरण का निर्माण हो जिससे लगे की वैशाली जाग गया है। सदन को संबोधित करते हुए महनार के विधायक डा. अच्युतानंद ने वैशाली में केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित कराने की दिशा में पहल करने की राज्यपाल से गुजारिश की। उन्होंने कहा कि गया या मोतिहारी दोनों में से कहीं भी केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर उन्हें आपत्ति नहीं है। मगर विश्व के पहले गणतंत्र होने के नाते वैशाली में इसकी स्थापना जरूरी है। हाजीपुर के विधायक महेन्द्र बैठा ने वैशाली में बुद्ध का अस्थीकलश अतिशीघ्र स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे पूर्व समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल देवानंद कुंवर ने पारंपरिक ढंग से अभिषेक पुष्पकरणी पर शोभा यात्रा के साथ निकले कलश को मंच पर ग्रहण किया। इस मौके पर उन्हें गार्ड आफ आनर भी दिया गया। जिलाधिकारी प्रेम सिंह मीणा ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए वैशाली की गौरवशाली अतीत और वर्तमान में उसके विकास की रूप रेखा पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर डीएम ने राज्यपाल को वैशाली का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। समारोह में जिला प्रशासन द्वारा वैशाली महोत्सव से संबंधित स्मारिका का विमोचन किया गया। इस मौके पर राघोपुर के विधायक सतीश कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष जय प्रकाश चौधरी, उपाध्यक्ष सहदेव राय, जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष संजय कुमार, तिरहुत प्रमंडल के कमिश्नर एसके नेगी, तिरहुत प्रक्षेत्र के डीआईजी, एसपी उपेन्द्र कुमार सिन्हा, एसडीओ साकेत कुमार, डीडीसी उमाशंकर प्रसाद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रकाश समेत काफी संख्या में गणमान्य एवं पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डीडीसी उमाशंकर प्रसाद ने किया।
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