Thursday, April 19, 2012

नये तकनीक का पहले-पहल प्रयोग कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे किसान

    
            
छौड़ाही (बेगूसराय ,बिहार ),
जब तक तकनीक का सही व सटीक प्रयोग न हो जाए, तब तक ग्रामीण किसान उसे अपनाने से हिचकते हैं। परंतु, छौड़ाही व आसपास के इलाके के किसान इनदिनों अपने खेतों में नित्य नये तकनीक का पहले-पहल प्रयोग कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। अब तो दूसरे इलाके के किसान भी यहां आकर आधुनिक खेती के 'टिप्स' ले रहे हैं। वहीं, यहां की महिलाएं भी खेती-किसानी में रुचि ले नाम कमा रही हैं। इधर, स्थानीय विधायक मंजू वर्मा कहती हैं कि, सुशासन में महिलाओं के विकास को लेकर कई योजनाएं बनी हैं। जिससे वे हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं। जिसमें खेती भी शामिल है।
बदली परिभाषा, हुए सफल
प्रखंड के किसान कुछेक वर्ष पहले तक परंपरागत खेती के अलावा कुछ भी देखना, सुनना पसंद नहीं करते थे। धान, गेहूं, गन्ना की खेती तो अच्छी होती थी। परंतु, लागत के अनुपात में लाभ नहीं होता था। समय बदला, यहां के युवा दूसरे बड़े शहरों से पढ़ाई कर लौटे व खेती की नई-नई तकनीक से लोगों को अवगत कराया। लोगों ने इसे मजाक स्वरूप लिया। परंतु, अनिश कुमार, विनय कुमार, कपिलदेव सहनी, सुनीता देवी, राजकुमारी आदि ने परंपरागत धारना को तोड़ने का साहस कर नई-नई खेती की तकनीक यथा श्रीविधि, औषधीय पौधों की खेती आदि से लोगों को अवगत कराया। किसानों ने भी नई तकनीक, खेती की नई किस्मों को अपनाने में देरी नहीं की। परिणाम सामने है। विपरीत प्राकृतिक स्थिति में भी बंपर उपज।
सफलता की दो-चार बानगी
छौड़ाही बाजार के प्रगतिशील किसान जोड़ी विनय कुमार व सुनीता देवी आज इलाके के रोड माडल बने हुए हैं। अंतरवर्ती खेती, श्रीविधि से धान व गेहूं की खेती, चीप-वीडर से गन्ने की खेती, लंबी लिस्ट है, इनके प्रयोग की। वहीं, स्प्रिंकल विधि से पटवन इन्होंने क्या किया, दर्जनों किसान आज इस विधि से सिंचाई कर कम दाम में ज्यादा पटवन कर रहे हैं। गन्ना के अच्छी उपज के लिए इन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। सिहमा के किसान विमलेश चौधरी पूर्व आत्मा अध्यक्ष हैं। इन्हें कर्नाटक जाने का मौका मिला। वहां सतावर की खेती पर ऐसे फिदा हुए, कि अपने तो खेती कर ही रहे हैं, वहीं बिहार से बाहर पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के किसान भी इनसे खेती के गुर सिख रहे हैं। परोड़ा के कपिलदेव सहनी पहले दाने-दाने को मोहताज थे। फिर अनिश की प्रेरणा से टमाटर की वैज्ञानिक खेती की। आज दो हजार प्रतिदिन की आमदनी है। देखा-देखी प्रखंड के दर्जनों किसान आज सब्जी उत्पादन कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं।
बोले अधिकारी
प्रखंड कृषि पदाधिकारी अभिषेक कुमार व एसएमएस मनोज कुमार कृषि क्षेत्र में हुए इस बदलाव को लेकर किसान को बधाई देते हैं। कहा- विभाग किसानों की मदद हेतु सदैव तैयार है।

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